Share Market: सेबी की ओर से दिसंबर 2009 में जारी अधिसूचना के अनुसार, फिलहाल वायदा एवं विकल्प खंड में कारोबार के लिए शेयर ब्रोकर को अपने सभी ग्राहकों की वित्तीय क्षमता के दस्तावेजी सबूत रखना जरूरी हैं.
SEBI: शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है, जहां अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. साथ ही शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट के साथ ही ट्रेडिंग भी की जा सकती है. शेयर बाजार में ट्रेडिंग सीधे शेयरों में की जा सकती है. इसके अलावा Future and Option (F&O) का विकल्प भी रहता है. हालांकि अब सेबी की ओर से F&O को लेकर अपडेट दिया गया है. दरअसल, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि वह जोखिम आधारित दृष्टिकोण अपनाकर वायदा एवं विकल्प खंड (Future and Option) में ग्राहकों को जोड़ने की प्रक्रिया के सरलीकरण पर विचार कर रहा है
वहीं सेबी की ओर से इस पर कदम भी बढ़ाया जा चुका है. सेबी का कहना है कि इस संबंध में प्रक्रिया शुरू हो गई है, हालांकि यह अभी शुरुआती चरण में हैं. सेबी ने कहा कि इसके अलावा, वायदा एवं विकल्प बाजार में खुदरा सहभागिता पर रोक लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. सेबी का यह बयान उन खबरों के बाद आया है, जिनके अनुसार सेबी वायदा एवं विकल्प बाजार में खुदरा सहभागिता को रोकने पर विचार कर रहा है.
Future and Option
सेबी की ओर से दिसंबर 2009 में जारी अधिसूचना के अनुसार, फिलहाल वायदा एवं विकल्प खंड में कारोबार के लिए शेयर ब्रोकर को अपने सभी ग्राहकों की वित्तीय क्षमता के दस्तावेजी सबूत रखना जरूरी हैं. बाजार नियामक ने बयान में कहा, “कारोबारी सुगमता के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सेबी इसका मूल्यांकन करने के शुरुआती चरण में है कि क्या उपरोक्त परिपत्र को ग्राहकों के जोखिम मूल्यांकन के आधार पर लागू किया जा सकता है.”
रिस्क
बयान के अनुसार, “इससे ब्रोकरों और निवेशकों के लिए नियमों का पालन करना आसान होगा.” बता दें कि शेयर बाजार में F&O में कारोबार करना काफी रिस्की होता है. इसमें जहां ज्यादा फायदे की संभावना रहती है तो वहीं ज्यादा नुकसान होने की आशंका भी रहती है. ऐसे में अपनी समझदारी और अपने सलाहकार के मुताबिक इसमें ट्रेडिंग करें. (इनपुट: भाषा)
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